गम तो हर किसी की ज़िन्दगी मे है ,
पर हमने मुसकुराहटों को तवजो दी है ।
एक किनारा तो सबके पास है
हमने फिर भी आसमानों से ही ख्वाइश की है ।
नमी तो आँखों मैं भी कम नहीं
दिल ने फिर भी बारिश की तमन्ना की है ।
गतिरोध अक्सर हमे मिल ही जाते है ,
पर थम कर चलने का चलन हम ही तो लाये हैं
कितने सूनी रातों मैं हम भी तो मुस्कुराये हैं ।
ठोकरें सब को मिली ही होंगी,
पर ठोकरों से ही तो हम सबक सीख पाए है ।
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